चार में से एक व्यक्ति में 150 दिन भी नहीं टिक सकी एंटीबॉडी, जानिए एक्सपर्ट ने क्या कहा

चार में से एक व्यक्ति में 150 दिन भी नहीं टिक सकी एंटीबॉडी, जानिए एक्सपर्ट ने क्या कहा

सेहतराग टीम

बाकी देशों की तुलना में कोरोना वायरस का असर भारत में एकदम अलग दिख रहा है, लेकिन इस बहरूपिया वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी भारतियों को लंबे समय तक सुरक्षित नहीं रख पा रही है। इसलिए लोगों को दोबारा से संक्रमण भी हो रहा है। आइसीएमआर के अनुसार, देश में अबतक 4.5 फीसदी से अधिक लोगों के एक से अधिक बार संक्रमण हुआ है, जबकि विश्व स्तर पर दोबारा से संक्रमण होने की यह दर करीब एक फीसदी है।

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संक्रमित मरीजों में विकसित होने वाली एंटीबॉडी को लेकर पहली बार वैज्ञानिकों के हाथ कामयाबी मिली है। इनके अनुसार चार में से एक व्यक्ति में 150 दिन भी एंटीबॉडी नहीं टिक सकी। संक्रमित होने के बाद ही इनके शरीर में प्लाजमा भी धीरे-धीरे बेअसर होने लगा। वैज्ञानिकों का यहां तक मानना है कि भारत में कोरोना वायरस को लेकर स्थिति सरकारी आकड़ों से कही अधिक गंभीर है।

सीएसआईआर के वैज्ञानिकों ने राष्ट्रीय स्तर पर एक सीरो सर्वे किया है जिसमें उन्हें पता चला है कि देश के कई हिस्सों में वायरस का स्थानिय प्रसार हुआ है। लोग एक दूसरे के संपर्क में आने के बाद संक्रमित हुए है।

30 फीसदी लोगों को संक्रमण की जानकारी नहीं

नई दिल्ली स्थित आईजीआईबी के निदेशक डॉ. अनुराग अग्रवाल का कहना है कि अध्ययन में पता चला कि वायरस की चपेट में आने वालों में 30 फीसदी ऐसे लोग मिले हैं जिनके शरीर में 150 से 180 दिन भी एंटीबॉडी टिक नहीं पाई। यह सभी वह लोग हैं जिन्हें संक्रमित होने की भी जानकारी तक नहीं थी।

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